Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर Shiv chaisa ब्रह्मादिक पार न पाय॥